"एक समय था जब मैं एक प्रोजेक्ट पूरा करता था,
मुंबई हवाई अड्डे पर उतरता था, और वहीं से दूसरा पैक किया हुआ सूटकेस लेता था, जिसे मेरी पत्नी घर से नए कपड़े रखकर भेजती थी क्योंकि वहीं से दूसरे प्रोजेक्ट के लिए उड़ान भरनी पड़ती थी।
मैंने एक बार मुंशी प्रेमचंद की कहानी 'कफन' पर आधारित एक फिल्म करने का ऑफर स्वीकार कर लिया, जिसकी शूटिंग लखनऊ के पास एक गाँव में करनी थी। यहां मुझे एक जर्जर मकान में रहना था, जो धूल से सना हुआ था। इतनी धूल कि जब मैं सुबह उठता था तो मेरी नाक में रेत के कण होते थे।
वहां शूटिंग करना बहुत चुनौतीपूर्ण था, लेकिन मैंने कभी किसी बात की शिकायत नहीं की। मैंने अपने परिवार को भी इस बारे में कुछ नहीं

Suka
Komentar
Seema Jaiswal
Hapus Komentar
Apakah Anda yakin ingin menghapus komentar ini?