एक बार अपने बेटे अमित कुमार से बात करते वक्त हरफनमौला कलाकार किशोर दा ने कहा था "काश कि मेरी आवाज भी मुकेश जी जैसी होती" ...
न जाने ये कौन लोग थे जो एक ही समय, एक ही उद्योग और व्यवसाय में होने के बावजूद प्रतिद्वंदी नही अपितु, परस्पर समन्वय और सम्मान के वाहक थे। महान गायक मुकेश जी रफी साहब और किशोर दा की प्रशंसा करते थे तो स्वयं रफी साहब मुकेश साहब के मुरीद थे। वास्तव में ये आवाजे और ये कलाकार हमारे भारत की अमूल्य धरोहरे हैं। कल था भारत के अंतराष्ट्रीय गायक महान मुकेश साहब की जन्म शताब्दी पर उन्हें शत शत नमन ❤️????

처럼
논평
공유하다
DrBirendra kumar Yadav
댓글 삭제
이 댓글을 삭제하시겠습니까?
Lalchand Sahu
댓글 삭제
이 댓글을 삭제하시겠습니까?
Ranjeet prajapati
댓글 삭제
이 댓글을 삭제하시겠습니까?
Neelam Kumari
댓글 삭제
이 댓글을 삭제하시겠습니까?
Rajesh singh
댓글 삭제
이 댓글을 삭제하시겠습니까?
Devendra Kumar Prasad
댓글 삭제
이 댓글을 삭제하시겠습니까?