दर्द भरे नगमे सुनकर,
मन होता है उदास और बेहाल,
दिल में तन्हाई के साये टिके,
आँखों से निकल आता है आँसू भरा जबाब,
इस नगमे की एक एक सुनी बात है,
भर देती है जीवन में और दर्द और अलगाव,
परन्तु नीले आसमान के छत के नीचे,
जब आप बैठे नगमों के सदमे सुनकर,
तब टूटता है सब कुछ, और सही घटनाएं जो तुम्हारे अंदर
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Pramod kumar Jaiswal
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Amika Sahu
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Lalchand Sahu
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